Indicators on shiv chalisa lyricsl You Should Know
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वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
करत कृपा सब के घटवासी ॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।
अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी shiv chalisa in hindi के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥